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मुलनिवासी और आदिवासी

मुलनिवासी और आदिवासी
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सबसे पहले मुलनिवासी शब्द प्रचलन मे था लेकिन इस शब्द को जानबूझकर खत्म किया अन्ग्रेजो ने. . . . आदिवासी मतलब पहलेसे रहनेवाले सिर्फ इतनाही मतलब होता है . . . इस शब्द का निर्माता कौन है ये बाद मे बताता हू . . . . वैसे आज आदिवासी शब्द सभी जनजातियो की जोडने के लिए प्रचलित किया जा रहा है . . .इस शब्द से कोई हानि नही लेकिन तत्वत: इस शब्द से किसी समुदाय की अवस्था झट से नजर आती है . . . इन्दू कर्वे इन महान समाजशास्त्री आदिवासी का महान अर्थ बताया . . . मुझे लगता है आप सबको कदापी पसन्त नही आयेगा . . . वैसी ई कर्वे बाइ ब्राह्मण है और हम मुलनिवासियोको कोई भी नाम से पुकारनेका कहो या कोई नाम देने का ठेका इन्होनेही ले रखा है . . . . आदिवासि शब्द इन्होने नही किंतु इनकेही बिरादरी के लोगोने दिया हुवा नाम है . . .जो अतिशय मागास है, मास मच्छी खाते है, झगडा करनेवाले, निति धर्म का पालन ना करनेवाले, अत्यन्त लांचिक भाषा बोलनेवाले लोग याने आदिवासी ये व्याख्या है कर्वे मेडम की . . . इस मेडम ने धनगरो को भी आदिवासी कहने का प्रयास किया है . . . आदिवासी याने पाहलेसे राहनेवाले लोग ऐसा अर्थ होने के बाद भी इसको तराह तराह से मोडा गया है . . . आदिवासी शब्द मे हमारे जन्म की पहचान छूपाई गयी वही पहचान मुलनिवासी शब्द ने उजागर की थी इसलिए जन्म का रिश्ता आदिवासी शब्द लाकर खत्म किया . . . जरा सोचे की मुलनिवासी कहने पर आप के आखो के सामने क्या नजारा खडा रहता है . . . मुलनिवासी याने पुर्खो से जन्मे हुए पैदासी याने जन्मजात मुल लोग मतलब मुलनिवासी . . . पुर्खोतले जन्म लेकर पहलेसे वास्तव्य करनेवाले मतलब मुलनिवसी . . . और सिर्फ पाहलेसे राहनेवाले लोग याने आदिवासी. . . अब आपको सोचना है की कौनसा शब्द आपका आत्मसम्मान बढाता है और कौनसा शब्द आपकी अवस्था उजागर करता है . . . हमे आदिवासि शब्द देकर हमारा जन्मजात रिश्ता कट किया और हमारे मुलनिवासी होने पर प्रश्नचिन्ह खडा किया . . . अगर हमे पाहलेसे चलता आया मुलनिवासी शब्द आज हम हक से मानते या उसे जोर से प्रचलित करते तो आज भी हमे सारे लोग इस देश के मालिक मानते लेकिन जिस वक्त आदिवासी शब्द आया तबसे हमारा नाता जंगल से याने पाहलेसे जंगल मे राहनेवाले हो गया . . . गाव या शहरो से हमारा कोई रिश्ता नही रखा . . . मुलनिवासी याने इस देश के मालिक है इस बात को भुलाने के लिए आदिवासी शब्द आगे लाया गया . . और दुर्भाग्य की बात ये है की हम भुल भी गये. . अरे यार हम खुद को जोर जोर से खुद को मुलनिवासी कम और आदिवासी ज्यादा कहते है . . . . जब हमारे समाज ने मुलनिवासी शब्द का मर्ड़रहि किया तो उस शब्द को औरो ने हडप करना चालू किया . . . आप देख रहे हो की कोई भाइ आता है और खुद को मुलनिवासी कहता है जैसे मुलनिवासी शब्द किसी पेड को लगा पका हुवा फल है . . कोई भी आओ तोड़ के चले जाओ और खा जाओ . . . इसके जिम्मेदार कौं है? हमने हमारे अपनेपन को आहमियत नही दी तो दूसरो ने हमारा अपनापन लुटकर याने हमारा अस्तित्वाही खत्म किया . . . अब आपकोही सोचना है की हम खुद को पहले आदिवासी कहे या मुलनिवासी? दूसरे लोग इस शब्द का इस्तेमाल सरेआम कर रहे और हम कोई विरोध नही करते तो हमारी इसके आगे की लढाई कैसी होनी चाहिए इसके बारे मे सोचना पडेगा . . . पाहलेसे राहनेवाले या पुर्खोतले जन्म्जात राहनेवाले इससे अच्छा कौनसा आपको पसन्त है ये आपके उपर है . . . आपको शायद सुप्रिम कोर्ट का वह फ़ैसला याद होगा जो 1 जनवरी 2011 मे न्या.मार्कन्दिय काटजू ने दिया नन्दाबाई भिल्ल बनाम महाराष्ट्र सरकार इस केस मे. . . क्या कहा मालूम है? इस देश मे राहनेवाले 8% मुलनिवासिही इस देश के असली मालिक है .. Origional oweners of country आप ये फ़ैसला आज भी नेट पर देख सकते है . . अब क्या हो रहा है इस फ़ैसले से खुद को तथाकथित और स्वयंघोशित मुलनिवासी काहनेवाले कह रहे की आपस मे झगडा लगा रहे . . . सुप्रिम कोर्ट नि सच्चाई बया की . . सच बोला . . हम लोग इस देश के मालिक है . .
अब इतिहास की ओर चले . . . इसका इतिहास दो लाइन मे है . . किंतु थोडा विशयान्तर हो तो ठिक रहेगा . . मुलनिवासी ये शब्द हजारो साल से था. . . इस मुलनिवासी शब्द का इतिहास 4000 साल का है किंतु अभि अभि 100 साल पहले इसका मर्ड़र किया गया और वह हाफ़मर्ड़र था . . . अगर इस देश मुलनिवासी खुद को ऐसेही मुलनिवासी कहते रहे तो कल उद्रेक हो सकता है और ये भयानक लोग है . . सोये हुए शेर है जगाना नही ये बात है लोर्ड ग्रैंड डफ़ की . . क्ल जाके ये लोग इस देश पर अपना हक ना बताये इसलिए सन 1911 मे मोर्ले मिनटो पेक्ट मे पहली बार आदिवासी शब्द का इस्तेमाल किया लोर्ड मिनटो ने . . . लो अन्ग्रेजोने यह शब्द हमे भिक मे दिया . . और इस शब्द का प्रचलन किया ठक्कर बाप्पाने. . ठक्कर बाप्पाने इस शब्द को पूरे भारत मे घुमाया और हम बने तुम बने एकदुजे के लिए आदिवासी . . . चलो जोर से बोलो जय आदिवासी . . . 4000 साल इतिहासवाले मुलनिवासी शब्द को 100 साल पहले जन्मे आदिवासी शब्द ने पुरा गाड़ दिया अब वही शब्द का इस्तेमाल गैर मुलनिवासी कर रहे है और हमारे भी बहुत सारे लोग इसमे शामिल हुए है . . . अब आप बताओ हमे क्या रहना है आदिवासि या मुलनिवासी? आप खुद को कुछ भी संबोधित कर सकते है क्यो की आप खुद के मर्जिके हो . . . हम आपको कुछ नही कहेंगे क्यो की ये आपकी मार्जि है . . . भाई लोग किसिका दिल दुखा हो तो माफ़ करे. . . हमने सिर्फ सच्चाई बताई हैఄЀ츪ⴐ閳+똈ࣹ꒨ܓЀ Ѐ 
मुलनिवासी और आदिवासी मुलनिवासी और आदिवासी Reviewed by Babulal Kol on 04:34 Rating: 5

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