कोल आदिवासी
भौगोलिक रूप से कोल जनजाति मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के पड़ोसी जिलों की निवासी रही है। इन दोनों प्रान्तों की इस जनजाति में आपस में एकता है, उनके पारिवारिक व सामाजिक सम्बन्ध है और वे एक ही परम्परा का हिस्सा है। मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश की सीमा तक के क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है और वहाँ के कोल आदिवासियों को जनजाति का दर्जा दिया गया है, परन्तु उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए भौगोलिक क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्रों में नहीं शामिल किया गया है और उत्तर प्रदेश के कोलों को अनुसूचित जनजाति दर्जे से वंचित किया हुआ है।
भौगोलिक रूप से कोल जनजाति मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के पड़ोसी जिलों की निवासी रही है। इन दोनों प्रान्तों की इस जनजाति में आपस में एकता है, उनके पारिवारिक व सामाजिक सम्बन्ध है और वे एक ही परम्परा का हिस्सा है। मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश की सीमा तक के क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है और वहाँ के कोल आदिवासियों को जनजाति का दर्जा दिया गया है, परन्तु उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए भौगोलिक क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्रों में नहीं शामिल किया गया है और उत्तर प्रदेश के कोलों को अनुसूचित जनजाति दर्जे से वंचित किया हुआ है।
कोल आदिवासी
Reviewed by Babulal Kol
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