दलित शब्द किसने दिया हैं ये हमे नही पता पर जिसने भी दिया उसने दुसरो को दबाने व उनका विकास ना हो पाने केवल लिये दिया है ये हमे अब पता चला है हम तो सोचते थे कि हम तो सिर्फ आदिवासी है और हम आदिवासी इसलिये कहलाते है क्योंकि हमारा अभी तक कोई विशेष धर्म कोड नही है लेकिन जब हम समझदार हुए तब न्यूज़ व अखबारो मे आदिवासियों के बारे मे पड़ते रहते थे, तो उसमे एक शब्द आता था "दलित आदिवासी" पर उस समय हम सोचते थे कि यह ऐसे हि शब्द है पर जब हमे इस शब्द का अर्थ् पता चला तो हम तो सोचते हि रह गये कि हम आदिवासी तो थे हि अब दलित भी है हम तो कुछ समय के लिये सोचते हि रह गये लेकिन जब हमने थंडे दिमाग से सोचा तो निश्कर्श् निकाला कि ये जब उन लोगो ने आदिवासीयो को दबाने व उनके विकास और आत्मबल को कम करने के लिये दलित शब्द दिया है तो अब हमने सोच लिया है कि इस दलित शब्द को जो आदिवासी शब्द के पहले लगा है इसे हमेशा केवल लिये खत्म करेंगे और गर्व से कहेंगे कि हम कोल आदिवासी है या आदिवासी समुदाय से है और अभी हम सभी आदिवासी युवाओ से आग्रह करते है कि अपनी युवा शक्तियों को पहचानो और अपने आदिवासी समाज के विकास मे अपना योगदान दे और अपने आदिवासी होने पर गर्व करे दलित आदिवासी होने पर नही और इस दलित शब्द को आदिवासी शब्द के आगे से हटाने मे हमारी मदद करे
आप सभी युवा आदिवासियों से आग्रह है कि अपनी युवा का सही प्रयोग किजिये और अपने समाज के विकास व देश के विकास मे अपना योगदान दे
और गर्व से कहो हम आदिवासी है दलित समाज नहीं।
अंकित रावतेल खंडवा मध्यप्रदेश
No comments:
नोट: -Before टिप्पणी करते हुए हम आप अनुशंसा हमारे पूछे जाने वाले प्रश्न (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) पृष्ठ पढ़ने के लिए